केंद्र सरकार ने 70 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को सालाना पांच लाख रुपये का मुफ्त इलाज देने का निर्णय लिया है। प्रदेश की स्थिति का यदि आकलन किया जाए तो यहां 9.60 लाख से अधिक बुजुर्ग योजना के दायरे में आएंगे। जिसमें 70 से 79 वर्ष तक के व्यक्ति 5.61 लाख हैं और 80 व इससे अधिक उम्र के व्यक्तियों की संख्या 3.98 लाख है।
आयुष्मान भारत योजना
केंद्र सरकार ने 23 सितंबर 2018 को गरीब वर्ग के व्यक्तियों के लिए आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी। केंद्र के मानकों के अनुसार, प्रदेश के 5.37 लाख परिवार निश्शुल्क इलाज के दायरे में आए। प्रदेश सरकार ने आयुष्मान योजना का दायरा बढ़ाकर इसे एक यूनिवर्सल स्कीम के तौर पर लागू किया। अटल आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश के सभी 23 लाख परिवारों के लिए निश्शुल्क सुविधा दी गई है। जिसके तहत अब तक 57.60 लाख लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। जबकि 12.39 लाख लोग मुफ्त उपचार का लाभ ले चुके हैं। हालांकि आयुष्मान योजना में पांच लाख रुपये सालाना उपचार की सीमा प्रति परिवार है। इसमें बुजुर्ग भी लाभार्थी थे।
कम उम्र के सदस्यों के इलाज की राशि असर नहीं पड़ेगा
अब केंद्रीय कैबिनेट के निर्णय के बाद 70 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को पांच लाख रुपये का इलाज अलग से मिलेगा। इससे जहां बुजुर्गों को पांच लाख रुपये का यानी परिवार के कम उम्र के सदस्यों के इलाज की राशि पर भी असर नहीं पड़ेगा। राज्य में अटल आयुष्मान योजना के तहत अब तक 70 वर्ष से अधिक के 3.83 लाख व्यक्तियों के कार्ड बन चुके हैं। इसके अलावा राज्य में केंद्रीय कर्मचारियों, पूर्व सैनिकों की भी एक बड़ी संख्या है। जिन्हें सीजीएचएस, ईसीएचएस योजना के तहत मुफ्त उपचार की सुविधा मिलती है। वहीं, राज्य कर्मचारियों व पेंशनर के लिए प्रदेश सरकार ने राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना शुरू की है। जिसके तहत असीमित कैशलेस सुविधा का लाभ कर्मचारियों व पेंशनर को मिलता है।