देश के ऐतिहासिक स्थलों (खजुराहो, राजस्थान, ग्वालियर, ओरछा, बनारस, आगरा, फतेहपुर सीकरी, उज्जैन आदि) के अलावा अब विदेशी सैलानियों को देवभूमि की वादियां भी लुभा रही हैं। तीन सालों में देवभूमि में आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या 89 प्रतिशत बढ़ी है। वर्ष 2023 में आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या 1.48 लाख है। सबसे अधिक विदेशी पर्यटकों की आमद टिहरी, देहरादून और कोटद्वार में हुई है। दरअसल, भारत में अभी तक विदेशी सैलानियों की सबसे अधिक भीड़ ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों में देखने को मिलती थी। लेकिन अब देवभूमि की शांत और सुरम्य फिजाएं भी उन्हें बुलाने लगी है। खासतौर पर पर्यटन के विभिन्न क्षेत्र (इको-पर्यटन, एयरो-पर्यटन, एस्ट्रो-पर्यटन) में वृहद विकास होने से विदेशी पर्यटक भी देवभूमि की शांत पहाड़ियों में सुकून तलाशने पहुंचने लगे हैं। पिछले सालों की अपेक्षा देवभूमि में आने वाले विदेशी सैलानियों की संख्या में भारी उछाल आया है।
टिहरी पहुंचे 47,177 पर्यटक
समुद्र तल से दो हजार मीटर की ऊंचाई पर मौजूद टिहरी गढ़वाल पहाड़ी इलाके में स्थित एक जिला है। यहां की प्राकृतिक खूबसूरती और धार्मिक स्थल पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं। हाल ही में पर्यटन विभाग की ओर से यहां 1,293 करोड़ रुपये के विकास कार्य कराए जा रहे हैं। टिहरी झील में हर साल वाटर स्पोर्ट्स का आयोजन होता है, जहां भारी संख्या में विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं। टिहरी में चंबा, बुढा केदार, कैंपटी फाल, देव प्रयाग और टिहरी बांध सहित कई स्थान पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं। टिहरी में वर्ष 2021 में 2,300, 2022 में 22,709 और 2023 में 47,177 विदेशी सैलानी पहुंचे।
देहरादून जनपद में विदेशी सैलानियों की संख्या 90 प्रतिशत बढ़ी
देहरादून जनपद में ऋषिकेश और मसूरी पर्यटकों की पहली पसंद है। इसके अलावा देहरादून शहर में मौजूद बुद्धा मंदिर में भी पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। ऋषिकेश स्थित तपोवन का ठंड और शांत वातावरण भी पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है। हाल ही में पर्यटन विभाग ने ऋषिकेश में योगा पर्यटन को लेकर तमाम विकास कार्य किए। जहां पर्यटक पहुंचकर ध्यान और योग लगा सकते हैं। वहीं साहसिक पर्यटन की तमाम गतिविधियां भी पर्यटकों को रोमांचित कर रही हैं।
इसके अलावा समुद्र तल से 2005 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मसूरी की वादियां भी पर्यटकों को आनंद और रोमांच का एहसास कराती है। पहले की अपेक्षा मसूरी में आने वाली विदेशी सैलानियों की संख्या में जमकर इजाफा हुआ। देहरादून जनपद में वर्ष 2021 में 3,531, 2022 में 16,539 और 2023 में 32,305 पर्यटक आए।
विदेशी सैलानियों की तीसरी पंसद बना कोटद्वार
पौड़ी गढ़वाल जिले में खोह नदी के किनारे स्थित कोटद्वार एक नगर है। जो तमाम ऐतिहासिक स्थलों को समेटे हुए। यहां ऋषि कण्व का एक सिद्धपीठ कण्वाश्रम है। जहां पर्यटक दिव्य शांति और एकांत की तलाश के लिए रुख करते हैं। कोटद्वार समुद्र तल से 454 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसके अलावा बुद्धा पार्क, सेंट जोसेफ चर्च और चरेख डंडा भी आकर्षण के केंद्र है। कोटद्वार से 40 किमी की दूरी पर स्थित लैंसडाउन् भी पहाड़ियों से घिरा एक खूबसूरत नगर है। यहां सेना की छावनी होने के साथ ही सेंट मेरी चर्च, तारकेश्वर महादेव मंदिर, ट्रैवल कैफे, टिन-इन-टाप व्यू प्वाइंट और भालूगढ़ झरना सहित कई बेहतरीन पर्यटन स्थल हैं। वर्ष 2021 में 638, 2022 में 4,445 और 2023 में 21,817 पर्यटक कोटद्वार पहुंचे।
चार सालों में उत्तराखंड आए पर्यटकों की संख्या
वर्ष — — पर्यटक संख्या
2021 — — 15,2410
2022 — — 64,489
2023 — — 1,48,412
2024 (जुलाई)- 73,796