उत्तराखंड में अवस्थापना एवं आर्थिक विकास की दृष्टि से महत्वाकांक्षी चार परियोजनाएं जून, 2026 से धरातल पर आकार लेना प्रारंभ हो जाएंगी। इस क्रम में राज्य में वेडिंग डेस्टिनेशन विकसित करने के लिए पर्यटन विभाग को चार सप्ताह में नीति बनानी है। देहरादून व पंतनगर एयरपोर्ट में विमानों की नाइट लैंडिंग की व्यवस्था के लिए शीघ्र कदम उठाए जाएंगे। दो नए शहर विकसित होंगे। गंगा और शारदा कारिडोर डेवलपमेंट और डाकपत्थर में नालेज सिटी के लिए चरणबद्ध ढंग से कार्य किए जाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन सभी परियोजनाओं पर कार्य प्रारंभ करने के लिए डेडलाइन तय कर दी।
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सीएम धामी ने वरिष्ठ अधिकारियों को दिए निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड (यूआइआइडीबी) की तृतीय बैठक में इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में पहचान दिलाने के लिए विभिन्न स्थलों का चयन कर वहां अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर ध्यान दिया जाए। इसके लिए वेडिंग प्लानर, होटल समूहों से सहयोग लेकर इसके प्रचार-प्रसार पर भी विशेष ध्यान देना होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गत वर्ष दिसंबर माह में देहरादून में हुए वैश्विक निवेशक सम्मेलन में उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने पर बल दे चुके हैं। इसके बाद रुद्रप्रयाग जिले में त्रियुगीनारायण और ओंकारेश्वर मंदिर के रूप में दो वेडिंग डेस्टिनेशन विकसित हो चुके हैं। इसी प्रकार अन्य स्थलों के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है।
विरासत के साथ विकास के माडल पर होगा कार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में दो नए शहरों के विकास और सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं विकसित करने के लिए स्पष्ट कार्ययोजना के अंतर्गत कदम आगे बढ़ाए जाएं। उन्होंने यूआइआइडीबी की परियोजनाओं के रूप में पर्यटन और तीर्थाटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों के विकास पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि गंगा और शारदा कारिडोर के पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए कार्य करना होगा। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि राज्य हित में जिन उद्देश्यों की पूर्ति को यूआइआइडीबी का गठन किया गया है, उसके परिणाम शीघ्र दिखाई दें। उन्होंने कहा कि प्रदेश विरासत के साथ विकास के माडल पर आगे बढ़ेगा।
25 वर्ष की आवश्यकताओं के लिए बने प्लान
उन्होंने कहा कि आगामी 25 वर्ष की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर विभिन्न विकास योजनाओं के सुनियोजित प्लान बनाकर उन्हें धरातल पर उतारा जाए। वर्ष 2047 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए राज्य में भी अल्पकालिक, लघुकालिक और दीर्घकालीन योजनाओं पर कार्य करना होगा। जनप्रतिनिधियों और स्टेक होल्डर के सुझावों को सम्मिलित कर परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं की नियमित समीक्षा की जाएगी। बैठक में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक मदन कौशिक व रेनू बिष्ट, अवस्थापना अनुश्रवण परिषद उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम समेत कई अधिकारी उपस्थित रहे।