कैंट सीट भाजपा का मजबूत गढ़ रही है। इस सीट का गठन होने के बाद से ही यहां पार्टी के लिए किसी तरह की कोई चुनौती खड़ी नहीं हो पाई। चुनावी संग्राम से पहले यहां टिकट के लिए घमासान मचा है। दावेदारी के लिहाज से भाजपा-कांग्रेस में यहां स्थिति एक अनार सौ बीमार वाली है। भाजपा में सर्वाधिक दावेदार देहरादून जिले की इसी सीट पर हैं। वहीं, कांग्रेस में भी कमोबेश यही स्थिति है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता हरबंस कपूर इस सीट पर अजेय रहे, जिससे भाजपा के लिए किसी तरह की कोई चुनौती खड़ी नहीं हो पाई। इस बार भी भाजपा हरबंस कपूर पर दांव खेलने की तैयारी में थी। लेकिन, चुनाव से ठीक पहले उनके निधन से समीकरण बदल गए हैं। सबसे बड़ा सवाल अब ये उठ रहा है कि हरबंस कपूर का उत्तराधिकारी कौन होगा। भाजपा कपूर परिवार के ही किसी सदस्य पर विश्वास जताती है, या फिर कोई नया चेहरा मैदान में उतरता है। उम्मीद लगाई जा रही है कि पार्टी कपूर परिवार के ही किसी सदस्य को ही चुनाव में उतार सकती है।