अधिकांश पहाड़ी भूगोल के राज्य उत्तराखंड में वेतनभोगी कर्मचारी वर्ग, जिसमें लगभग तीन लाख सरकारी और लगभग इतने ही निजी व असंगठित क्षेत्र के कर्मचारी भी शामिल हैं, के साथ ही युवाओं और महिलाओं को बजट में मिली सौगात ने भाजपा को वर्ष 2024 के चुनावी लक्ष्य को साधने का बड़ा अवसर प्रदान कर दिया।
मतदाताओं के इन सबसे बड़े और महत्वपूर्ण दबाव समूह को अपने पक्ष में सहेजने की राह प्रशस्त होने से भाजपा को खासी राहत मिली है। इसके अलावा पर्यटन विकास और एमएसएमई के क्षेत्र को लेकर केंद्र सरकार ने बजट में जो प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है, उसका भी लाभ उत्तराखंड को मिलना तय है। डबल इंजन की सरकार होने के नाते उत्तराखंड को वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट से बड़ी उम्मीदें थीं और कहा जा सकता है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस लिहाज से धामी सरकार को बड़ा अवसर प्रदान कर दिया है।
अगले वर्ष लोकसभा चुनाव हैं और उत्तराखंड में भाजपा के समक्ष पिछले दो लोकसभा चुनाव का प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है। वर्ष 2014 व 2019 में राज्य की पांचों सीटों पर भाजपा ने परचम फहराया था। ऐसे में यह चुनाव पूर्व अंतिम पूर्ण बजट था, जिसमें शामिल किए गए प्रविधानों ने भाजपा शासित राज्यों को सुविधाजनक स्थिति में ला खड़ा किया है।
उत्तराखंड में सरकारी व निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की संख्या छह से सात लाख से अधिक है। आयकर छूट की सीमा बढऩे से इस तबके को सीधा लाभ मिलेगा। कांग्रेस सरकारी कर्मचारियों को भाजपा सरकार के खिलाफ लामबंद करने का कोई मौका नहीं चूकती। इन दिनों पुरानी पेंशन योजना को लेकर कांग्रेस प्रदेश सरकार की घेराबंदी की रणनीति बनाने में जुटी है।
भाजपा सरकार और संगठन की कोशिश रही है कि कर्मचारी वर्ग कांग्रेस के साथ न जाए और बजट में आयकर छूट के नए प्रविधान काफी हद तक उसकी मंशा को पूरा कर सकते हैं। खासकर अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के परिप्रेक्ष्य में कहा जा सकता है कि फिलहाल इस मोर्चे पर भाजपा अब कांग्रेस पर बढ़त बनाने की स्थिति में है।
केंद्रीय बजट में पर्यटन विकास को लेकर सरकार ने अपना जो दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है, उसका उत्तराखंड को सीधा लाभ मिलेगा। पर्यटन उत्तराखंड के लिए राजस्व का एक बड़ा स्रोत है। राज्य में पहले से ही चार धाम आल वेदर रोड परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना और रोपवे परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। उत्तराखंड में पर्यटन विकास वैसे भी केंद्र सरकार की प्राथमिकता में रहा है।
अब बजट में जिस नई योजना, ‘देखो अपना देश’ की घोषणा की गई है, उसकी अवधारणा पर उत्तराखंड पूरी तरह खरा उतरता है। यहां के सीमांत क्षेत्र को देखे बगैर पर्यटन के लिहाज से पूरा देश देखा ही नहीं जा सकता। इस नई योजना के धरातल पर उतरने से राजस्व और रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी होना तय है। पर्यटन को मिशन मोड में आगे बढ़ाने से राज्य में नए पर्यटक स्थलों के विकास की संभावनाओं को बल मिलेगा।
बजट में सूक्ष्म, लघु एव मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के प्रति सरकार ने काफी दरियादिली दिखाई है। अगर राजनैतिक दृष्टिकोण से देखें तो सरकार का एमएसएमई को प्रोत्साहन देने वाले कदमों से उद्योग जगत को राहत मिलने जा रही है, जो अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को प्रत्यक्ष और परोक्ष, दोनों रूप में मदद करेगा।
उत्तराखंड में वैसे भी एमएसएमई क्षेत्र के विकास की काफी अधिक संभावनाएं हैं। अगर राज्य में इस क्षेत्र में निवेश में बढ़ोतरी होती है तो यह अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन, दोनों तरह से भाजपा सरकार को संबल प्रदान करेगा।
रोजगार के अवसरों की उपलब्धता बेरोजगार युवाओं को निश्चित रूप से आकर्षित करेगी। इसी तरह बजट में महिलाओं के लिए भी कुछ लुभाने वाली योजनाओं का उल्लेख है, जिनके धरातल पर उतरने की स्थिति में लाभ प्रदेश सरकार के ही हिस्से आएगा। समग्र रूप से देखा जाए तो कर्मचारी, युवा और महिलाओं के लिए किए गए बजट प्रविधानों ने भाजपा के लिए 2024 की लड़ाई को भाजपा के लिए आसान तो बना ही दिया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, महेंद्र भट्ट ने कहा कि आम बजट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत का संकल्प है। टैक्स स्लैब की घोषणा और इनकम टैक्स में छूट बढ़ा कर मध्यम वर्ग के चेहरे पर मुस्कान लाई गई है। हिमालयी क्षेत्र में सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास और पर्यटन के लिए अलग से बजट में प्रविधान प्रदेश की आर्थिकी को मजबूत करेगा।