UP Chief Minister Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अस्पताल पहुंचकर अस्पताल में भर्ती अपनी मां की कुशल क्षेम पूछी। रविवार को दोपहर सीएम 12:45 पर राजकीय चार्टर विमान से देहरादून एयरपोर्ट पहुंचे जहां से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोपहर एक बजे हिमालयन हास्पिटल जौलीग्रांट पहुंचे थे। जहां पिछले पांच दिनों से भर्ती उनकी मां सावित्री देवी (85 वर्ष) अपनी आंख में तकलीफ के चलते अस्पताल में भर्ती है। सीएम योगी ने अस्पताल के वार्ड 111 के कक्ष संख्या 15 में भर्ती अपनी मां के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और डाक्टर से उनके स्वास्थ्य के संबंध में पूछताछ की।
अस्पताल में आधे घंटे रुकने के पश्चात वह एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए। अस्पताल के डाक्टरो के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मां की आंखों में कुछ तकलीफ थी, जिसके चलते उन्हें पांच दिन पूर्व अस्पताल में भर्ती किया गया था। अब फिलहाल उनका स्वास्थ्य स्थिर है। स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के लिए ही मुख्यमंत्री आदित्यनाथ अस्पताल पहुंचे थे। इस अवसर पर हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के अलावा देहरादून हवाई अड्डे पर वन मंत्री सुबोध उनियाल भी मौजूद रहे।
परमार्थ निकेतन पहुंचे विश्व प्रसिद्ध भजन गायक कृष्णदा
वहीं विश्व प्रसिद्ध भजन गायक कृष्णदास परमार्थ निकेतन पहुंचे। इस दौरान उन्होंने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती व साध्वी भगवती सरस्वती से भेंट कर गंगा आरती में भाग लिया। इसके साथ ही वैश्विक स्तर पर योग, ध्यान, और भक्ति की महिमा व महत्वता पर चर्चा की।
शक्ति और सशक्तिकरण के उत्सव का संगम पर्व
इस मौके पर स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि शु्क्रवार को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस है, और दुर्गा अष्टमी भी। आजहै। परंपरा के अनुसार आज के दिन देवी स्वरूप छोटी-छोटी कन्याओं का पूजन कर उन्हें जिमाया जाता है, जो नारियों की शक्ति व सम्मान का प्रतीक है। दुर्गा अष्टमी का पर्व हमें बताता है कि नारी शक्ति का सम्मान और सशक्तिकरण समाज की प्रगति के लिए कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पूजा के साथ-साथ आज के दिन एक पेड़ बेटी के नाम लगाएं और पर्यावरण को बचाने का संकल्प लें।
अद्वितीय और दिव्य अनुभव प्रदान करती है गंगा आरती
गायक कृष्णदास ने कहा कि परमार्थ निकेतन गंगा आरती, जो की हर शाम मां गंगा के पावन तट पर आयोजित होती है, अद्वितीय और दिव्य अनुभव प्रदान करती है। इस आरती में भाग लेने वाले सभी साधक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण हो जाते हैं।