उत्तराखंड में पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब आवासीय सुविधा की उपलब्धता सुनिश्चित कराने पर सरकार ने ध्यान केंद्रित किया है। इसी कड़ी में राज्य में संचालित होम स्टे योजना की नियमावली में बदलाव करने की तैयारी है। इसके तहत होम स्टे में अधिकतम 12 कक्ष हो सकेंगे। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने इस सिलसिले में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद को निर्देश दिए हैं। होम स्टे में अभी तक अधिकतम छह कक्षों का मानक है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में होम स्टे योजना ने जहां स्वरोजगार के दरवाजे खोले हैं, वहीं पर्यटकों को आवासीय सुविधा भी उपलब्ध हो रही है। विशेषकर चारधाम यात्रा मार्गों के साथ ही पर्यटक स्थलों के आसपास स्थापित होम स्टे इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
पर्यटकों के लिए आवासीय सुविधा में बढ़ोतरी
होम स्टे में रहने वाले पर्यटक स्थानीय व्यंजनों का स्वाद चखने के साथ ही यहां की संस्कृति से भी परिचित हो रहे हैं। इस सबको देखते हुए सरकार ने अब इस योजना को अधिक विस्तार देने का निश्चय किया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर सृजित हों। साथ ही पर्यटकों के लिए आवासीय सुविधा में भी बढ़ोतरी हो। होम स्टे की नियमावली के अनुसार घर को होम स्टे के रूप में तब्दील करने वाला व्यक्ति परिवार सहित वहीं रहेगा। वह अधिकतम छह और न्यूनतम एक कक्ष का उपयोग होम स्टे के लिए कर सकेगा। इन कक्षों के लिए निर्माण अथवा जीर्णाेद्धार के लिए सरकार अनुदान देती है। अब इसके मानकों में बदलाव किया जा रहा है।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के अनुसार होम स्टे में अधिकतम छह कक्ष के मानक को बढ़ाकर 12 किया जाएगा। इस संबंध में नियमावली में बदलाव के लिए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।