प्रदेश में बढ़ती गो तस्करी की घटनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्ती दिखाई है।
उन्होंने पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को आदेशित किया है कि गो तस्करी करने वालों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की जाए। ऐसे अपराधियों की संपत्ति अटैच करें। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद डीजीपी ने प्रदेश के सभी जिला प्रभारियों को आदेश जारी किए हैं।
185 आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज:
डीजीपी ने बताया कि गो तस्करों पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए पुलिस की ओर से गढ़वाल व कुमाऊं परिक्षेत्र में दो टीमें गठित की गई हैं। गो तस्करी की शिकायतें मिलने पर टीम तत्काल कार्रवाई करती है। 2022 में पुलिस की ओर से 185 आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
जिला प्रभारियों को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं कि वह गो तस्करों के खिलाफ सख्ती से पेश आएं। जहां से भी गो तस्करी की शिकायतें मिलती हैं तो तत्काल गोवंश संरक्षण स्क्वाड को सूचित करते हुए ज्वाइंट तौर पर आपरेशन चलाया जाए, ताकि आरोपितों को भागने का मौका न मिल सके।
मुकदमे दर्ज होने तक सीमित रहती थी कार्रवाई:
गो तस्करी के मामले में अब तक सख्त कार्रवाई न होने के चलते तस्कर बेधड़क गो तस्करी कर रहे थे। थानों में गो वध के मुकदमे भी फाइलों में दफन हैं। गो तस्करी व गो वध के सबसे अधिक मामले देहरादून जिले में दर्ज हैं। वसंत विहार और पटेलनगर कोतवाली में तस्करों के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। अब ऐसे आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई होने से अपराधियों में खौफ होगा।
प्रदेश में गिरोह बनाकर पशुओं का अवैध रूप से परिवहन और उनकी तस्करी करने वालों के विरुद्ध अब गैंगस्टर एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। सभी जनपद प्रभारियों को गोवंश संरक्षण अधिनियम 2007 से संबंधित आरोपितों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत भी कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया है।