उत्तराखंड में मानसून की विदाई के बाद से सूखा पड़ा हुआ है। ज्यादातर क्षेत्रों में पूरे अक्टूबर में वर्षा नहीं हुई। देहरादून समेत पांच जिलों में तो पूरे अक्टूबर वर्षा की एक बूंद नहीं पड़ी। वहीं शेष जिलों में भी महज बूंदाबांदी ही दर्ज की गई। बारिश न होने से मौसम शुष्क बना रहा और अधिकतम व न्यूनतम तापमान लगातार सामान्य से अधिक बने रहे। इससे पहले प्रदेश में मानसून में भी अनियमित बारिश का दौर रहा। कहीं भारी बारिश आफत बनी तो कहीं हल्की बौछारों से ही संतोष करना पड़ा। हालांकि, पूरे मानसून सीजन में सामान्य से 10 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। अक्टूबर के पहले सप्ताह में उत्तराखंड से मानसून विदा हुआ। हालांकि, उससे पहले ही बारिश का क्रम धीमा हो गया था। मानसून की विदाई के बाद प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम शुष्क बना रहा और पहाड़ से मैदान तक चटख धूप खिली। हालांकि, बीच में कुछ दिन पर्वतीय क्षेत्रों में बादलों ने डेरा डाला और कहीं-कहीं हल्की से मध्यम वर्षा भी दर्ज की गई। लेकिन, यह नाम मात्र की ही साबित हुई। पूरे माह देहरादून समेत ज्यादामर क्षेत्रों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से दो से चार डिग्री सेल्सियस तक अधिक बना रहा। इससे पहले सितंबर में प्रदेश में औसत वर्षा 283 मिमी हुई, जो कि सामान्य वर्षा 182 मिमी के सापेक्ष 55 प्रतिशत अधिक है। इसके साथ ही मानसून सीजन में सामान्य वर्षा 1163 मिमी के सापेक्ष 1273 मिमी वर्षा दर्ज की गई। जो कि सामान्य से करीब 10 प्रतिशत अधिक रही।
फिलहाल शुष्क बना रहेगा मौसम
देहरादून: प्रदेशभर में मौसम शुष्क बना हुआ है और चटख धूप खिल रही है। हालांकि, पर्वतीय क्षेत्रों में सुबह-शाम ठिठुरन बढ़ने लगी है। मैदानी क्षेत्रों में भी रात को पाला गिरने से सुबह ठंडक महसूस की जा रही है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, फिलहाल अगले कुछ दिन प्रदेशभर में मौसम शुष्क बना रहने का अनुमान है। मैदानी क्षेत्रों में कहीं-कहीं कुहासा और धुंध छाई रह सकती है। पारे में धीरे-धीरे गिरावट आने की भी आशंका है।