PM Modi Exclusive Interview राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बंपर जीत हासिल की है। एमपी में जहां बीजेपी की सरकार बरकरार रही, जबकि छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पार्टी ने वापसी की। पीएम मोदी ने दैनिक जागरण के राजनीतिक संपादक आशुतोष झा के साथ खास बातचीत की।
भाजपा ने तीनों राज्यों में अपेक्षाकृत नए और अनजान चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया है। इसका क्या संदेश है?
हमारे देश का एक दुर्भाग्य रहा है कि जो लोग अपनी वाणी से, अपनी बुद्धि से, अपने व्यक्तित्व से, सामाजिक जीवन में प्रभाव पैदा करते हैं, उनमें से एक बहुत बड़ा वर्ग एक घिसी-पिटी, बंद मानसिकता में जकड़ा हुआ है। ये सिर्फ राजनीतिक क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है। जीवन के सभी क्षेत्रों में ये प्रवृत्ति हमें परेशान करती है, जैसे किसी भी सेक्टर में कोई नाम अगर बड़ा हो गया, किसी ने अपनी ब्रांडिंग कर दी, तो बाकी लोगों पर ध्यान नहीं जाता, चाहे वो कितने ही प्रतिभाशाली क्यों ना हों, कितना भी अच्छा काम क्यों न करते हों। वैसा ही राजनीतिक क्षेत्र में भी होता है।
दुर्भाग्य से अनेक दशकों से कुछ ही परिवारों पर मीडिया का फोकस सबसे ज्यादा रहा। इस वजह से नए लोगों की प्रतिभा और उपयोगिता की चर्चा ही नहीं हो पाई। इसके कारण आपको कई बार कुछ लोग नए लगते हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि वे नए नहीं होते। उनकी अपनी एक लंबी तपस्या होती है, अनुभव होता है। भाजपा तो एक काडर आधारित राजनीतिक दल है। संगठन के हर स्तर पर काम करते-करते कार्यकर्ता कितने ही आगे पहुंच जाएं, लेकिन उनके भीतर का कार्यकर्ता हमेशा जगा रहता है। इस बार तीनों राज्यों में पहली बार खुलकर भाजपा ने सिर्फ आपके नाम पर वोट मांगे और आपने लोगों को मोदी की गारंटी दी। नतीजे भी अभूतपूर्व आए। तो मान लेना चाहिए कि यह फॉर्मूला आगे भी चलता रहेगा।
इस गांरटी शब्द को सिर्फ तीन अक्षरों तक सीमित मत कीजिए। सामान्य नागरिक के मन में गारंटी बोलते ही चार प्रमुख मानदंड उभर कर उसके सामने आते हैं और इन चार पैमानों पर जो खरा उतरता है वो गारंटी का आधार बनता है। ये चार मापदंड हैं- नीति, नीयत, नेतृत्व और काम करने का ट्रैक रिकॉर्ड। ये वो चार कसौटियां हैं, जिन पर जनता आपको परखती है। इन चारों में से कुछ भी कम होगा, तो वो गारंटी नहीं, बल्कि खोखली घोषणा हो जाएगी, वो शब्दों का मायाजाल बनकर रह जाएगी। इसलिए जब मैं मोदी की गारंटी कहता हूं, तो जनता बीते वर्षों के पूरे इतिहास को देखती है। जनता हमारी नीतियों की समर्थक है, हमारी नीयत की सहभागी है, हमारे नेतृत्व की समर्थक है और हमारे ट्रैक रिकार्ड को लगातार देख रही है।
अब जैसे हमने पिछले 9 साल में गरीबों को 4 करोड़ घर बनाकर दिए हैं। इसलिए आज जब मैं कहता हूं कि 2 करोड़ और घर बनाकर गरीबों को दूंगा और ये मोदी की गारंटी है, तो लोग इस पर विश्वास करते हैं। कोरोना के संकट में हमने गरीबों को मुफ्त अनाज देने की योजना शुरू की थी। तब लोगों को राशन की दुकान पर बिना परेशानी मुफ्त राशन मिला। अब जब मैंने कहा है कि मुफ्त राशन की इस योजना को अगले पांच साल के लिए बढ़ा रहा हूं और ये मोदी की गारंटी है, तो लोगों के मन में कोई संशय नहीं है।”
आज लोग प्रत्यक्ष देखते हैं कि रेलवे का कायाकल्प हो रहा है। लोग इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव अपने सामने होते हुए देख रहे हैं। इससे देश को विश्वास होता है कि, हां भई, अब मोदी कह रहा है तो रेलवे आगे बढ़ेगी ही। तो नीति और नीयत की कसौटी से गुजरने के साथ ही आपको अपने काम से ट्रैक रिकॉर्ड बनाना होता है। वरना हमने तो वो समय भी देखा है जब गरीबी हटाने की बातें की गई, लेकिन दशकों बाद भी स्थितियां बदली नहीं। जब मैं नेतृत्व की बात करता हूं तो इसका मतलब सिर्फ मोदी का नेतृत्व नहीं है। बल्कि हर स्तर पर, पंचायतें हों, स्थानीय निकाय हों, राज्य हों, जहां भी भाजपा का नेतृत्व है, हर कोई कर्मठता के साथ काम करता है। जब ये प्रतिबद्धता लोगों को दिखती है, तब जाकर हर गारंटी पर लोगों का भरोसा होता है।
आजकल आप लोग देख रहे होंगे, विकसित भारत संकल्प यात्रा चल रही है। मैं तो दैनिक जागरण से भी आग्रह करूंगा कि वो इस यात्रा की विस्तार से कवरेज करे। आपको अपने आप पता चलेगा कि मोदी की गारंटी का मतलब क्या है। किस प्रकार, हर लाभार्थी को सरकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए सरकार जनता तक पहुंच रही है, ये प्रतिबद्धता आपको दिखाई देगी। पहले जनता को अपना हक पाने के लिए सरकारी दफ्तर के चक्कर काटने पड़ते थे, घूस देनी पड़ती थी। अब सरकार, जनता के पास जा रही है, जिसका हक है, उस तक पहुंच रहा है। सरकार और जनता के बीच जो ये नया विश्वास बना है, यही मोदी की गारंटी का आधार है।