
उत्तराखंड में बुधवार शाम मौसम ने करवट बदली तो आसमान से आफत बरसने लगी। टिहरी और रुद्रप्रयाग जिले में बादल फटने से व्यापक नुकसान हुआ। टिहरी के घनसाली में गदेरे में उफान आने से सड़क किनारे बना रेस्टोरेंट और आठ से 10 वाहन बह गए। इसमें रेस्टोरेंट संचालक, उसकी पत्नी व बेटे की मौत हो गई।
सीएम धामी ने फोन पर ली जानकारी, पहुंचेंगे घनसाली
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी जखनयाली गांव के बारे में ग्रामीणों को फोन कर ली जानकारी। डीएम मयूर दीक्षित और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा की खतरे वाली जगह पर ग्रामीण न रहें। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज घनसाली पहुंचेंगे और आपदा प्रभावित लोगों से मुलाकात करेंगे। डीएम मयूर दीक्षित ने घनसाली- तिलवाड़ा रोड पर जल्द से जल्द पुल बनाने के लिए निर्देश दिए है। ऋषिकेश से पुल निर्माण की सामग्री मंगाई जा रही है। बीती रात बादल फटने से चार धाम यात्रा मार्ग घनसाली तिलवाड़ा रोड पर मुयाल गांव के पास बना पुल बह गया था। रुद्रप्रयाग में केदारनाथ पैदल मार्ग कई जगह ध्वस्त हो गया। इसके चलते तीर्थ यात्रियों को पड़ावों पर ही रुकने को कहा गया है। यहां मंदाकिनी नदी का जलस्तर बढ़ने से गौरीकुंड में तप्तकुंड क्षेत्र और सोनप्रयाग में पार्किंग खाली करा दी गई। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इस बीच हरिद्वार में मकान की छत गिरने से दो बच्चों की मौत हो गई। देहरादून में दो युवक बरसाती नाले में बह गए, जिसमें से एक का शव मिल गया है। हल्द्वानी में भी एक युवक नदी के उफान में बह गया। चमोली में बेलचौरी नामक स्थान पर मकान गिरने और एक महिला व बच्चे के लापता होने की सूचना है।
गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर फंसे रहे यात्री
उत्तरकाशी में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर नेताला और बिशनपुर के पास पहाड़ी से मलब्बा और पत्थर गिर रहे हैं। इस कारण मार्ग करीब दो घंटे बंद रहा और 200 कांवड़ यात्री फंसे रहे।
टिहरी में रेस्टोरेंट बहा, तीन की मौत
टिहरी जिला मुख्यालय से 65 किमी दूर भिलंगना विकासखंड के जखन्याली गांव में देर शाम बादल फट गया। इससे नौताड़ गदेरे में आए उफान ने नौताड़ तोक में सड़क किनारे बने रेस्टोरेंट को चपेट में ले लिया। रेस्टोरेंट संचालक भानु प्रसाद (50), उनकी पत्नी नीलम देवी (45) और बेटा विपिन (28) मलबे में दब गए। एसडीआरएफ ने तीनों को निकाला, लेकिन तब तक भानु और नीलम की मौत हो चुकी थी। विपिन घायल था। ऋषिकेश एम्स अस्पताल ले जाते समय उसकी भी मौत हो गई। सैलाब अपने साथ मुयाल गांव में घनसाली-तिलवाड़ा मोटर मार्ग पर बने पुल को भी बहा ले गया। वर्ष 2014 में भी नौताड़ में आपदा आई थी, जिसमें छह लोगों की मौत हुई थी।
दो स्थानों पर बादल फटने से भूस्खलन
रात लगभग नौ बजे केदारनाथ पैदल मार्ग पर लिनचोली और भीमबली के बीच दो स्थानों पर बादल फटने से भूस्खलन हो गया। इससे मार्ग कई जगह ध्वस्त हो गया और दो पुलिया बह गईं। गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक विद्युत और संचार सेवा भी ध्वस्त हो गई। पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे ने बताया कि भीमबली में 200 से अधिक यात्रियों को रोका गया है। उत्तरकाशी में भी कई जगह पोल टूटने से विद्युत आपूर्ति बाधित है। हरिद्वार जिले के बहादराबाद क्षेत्र में भौरी डेरा शांतरशाह गांव में मोहब्बत उर्फ काला के मकान की छत गिर गई। हादसे में आस मोहम्मद (10) निवासी भौरी डेरा शांतरशाह और नगमा (8) निवासी मुस्तफाबाद शांतरशाह की मौत हो गई। परिवार के नौ लोग घायल हैं।