विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को मतदान होने के बाद अब भाजपा प्रत्येक सीट पर नफा-नुकसान के बही खाते पलट रही है। पार्टी के रणनीतिकार बुधवार को दिनभर ही मतदान के आंकड़ों को लेकर दिमाग खपाने में जुटे रहे। प्रत्येक सीट पर बूथवार हुए मतदान में महिला और पुरुष मतदाताओं के मत-प्रतिशत को लेकर माथापच्ची चलती रही। साथ ही पोलिंग एजेंट और बूथ स्तर के कार्यकर्त्ताओं से भी लगातार फीडबैक लिया जाता रहा। पार्टी के रणनीतिकार ये मानकर चल रहे हैं कि चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में हुई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभाओं सेभाजपा पहले से अधिक मजबूत होकर उभरी और पार्टी के पक्ष में उम्मीद के मुताबिक मतदान हुआ है। दावा किया जा रहा कि महिला मतदाताओं का जबरदस्त समर्थन पार्टी को मिला है।
भाजपा के रणनीतिकार बुधवार को मतदान के आंकड़ों को लेकर सिर जोड़कर बैठे। प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रांतीय पदाधिकारियों ने सीटवार पड़े मतों का आकलन किया। इस क्रम में पिछले चुनाव में पड़े मतों से तुलना की गई। यह देखा गया कि इस बार विधानसभा क्षेत्रवार कहां पार्टी कमजोर रही और कहां मजबूत। विश्लेषकों ने विधानसभा क्षेत्रों से बूथवार मतदान के जुटाए गए आंकड़ों पर भी नजर दौड़ाई। पुख्ता जानकारी के मद्देनजर विभिन्न बूथों पर तैनात रहे पार्टी के पोलिंग एजेंट, मतदान के दिन प्रत्याशियों के बस्तों पर बैठे कार्यकर्त्ताओं के साथ ही प्रभावशाली व्यक्तियों से फीडबैक भी लिया जाता रहा।
सूत्रों के अनुसार ये बात भी सामने आई कि कुछ विधानसभा सीटों पर कार्यकर्त्ताओं के मध्य जिस तरह की एकता की आवश्यकता थी, वह कम दिखी। ऐसी सीटों पर विपक्ष ने एकजुटता दर्शाने का प्रयास किया। इस सबको लेकर भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि विधानसभा क्षेत्रों से जो फीडबैक मिला है, उससे साफ है कि महिलाओं ने उत्साह के साथ मताधिकार का प्रयोग किया। इसे पार्टी के लिए फायदेमंद माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि चुनाव आयोग से बूथवार मतदान के फाइनल आंकड़े मिलने के बाद फिर से विश्लेषण किया जाएगा।