भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिलने से देवभूमि उत्तराखंड भी गौरवान्वित हुई है। जी-20 सम्मेलन के तहत पूरे देश में 56 स्थानों पर अंतरराष्ट्रीय आयोजन होने हैं, जिनमें से दो की मेजबानी उत्तराखंड को मिली है।
योगनगरी ऋषिकेश में होंगे ये आयोजन:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित बैठक में यह जानकारी देते हुए बताया कि ये आयोजन योगनगरी ऋषिकेश में होंगे।
संस्कृति, विचारों व सामाजिक पहचान को विदेश तक पहुंचाने का मंच:
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जी-20 सम्मेलन के तहत राज्य को दो अंतरराष्ट्रीय आयोजनों की मेजबानी का गौरव हासिल हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आशीर्वाद से ऋषिकेश में होने वाले इन आयोजनों से प्रदेश को अपनी संस्कृति, विचारों व सामाजिक पहचान को विदेश तक पहुंचाने का व्यापक मंच मिलेगा।
मेजबानी मिलना उत्तराखंड के लिए सौभाग्य की बात:
भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश सह प्रभारी रेखा वर्मा ने जी-20 के दो आयोजनों की जिम्मेदारी मिलने पर राज्यवासियों को शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने इसे स्थानीय संस्कार, व्यवहार, सभ्यता, प्रबंधन, लोकसंस्कृति के प्रचार-प्रसार का सुनहरा अवसर बताया। उन्होंने कहा कि यह मेजबानी मिलना उत्तराखंड के लिए सौभाग्य की बात है और इससे राज्य को विश्व स्तर पर नई पहचान मिलेगी।
मतांतरण पर कानून समय की आवश्यकता: धामी
वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता उत्तराखंड राज्य की जरूरत है। यह किसी के खिलाफ नहीं है। समान नागरिक संहिता सबका साथ सबका विकास मंत्र को चरितार्थ करेगी। उन्होंने कहा कि मतांतरण पर कानून भी समय की आवश्यकता थी।
शनिवार को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चुनाव से पहले जनता से वादा किया था कि सरकार बनते ही प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी। सरकार ने इसके लिए समिति का गठन कर अपने वायदे को पूरा किया।
उन्होंने कहा कि इसके बाद तमाम राज्य इस पर आगे आए हैं। उत्तराखंड में जबरन मतांतरण पर कानून भी बनाया गया है। इसके तहत दस साल तक की कैद का प्रविधान किया था। उत्तराखंड में हर नए कार्य की शुरुआत होती है और जो यहां शुरू होता है वह पूरे देश में जाता है।
उन्होंने कहा कि वनंतरा प्रकरण एक जघन्य व घिनौना कृत्य है। इसे लेकर तत्काल कार्यवाही की गई। सारे आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। एसआइटी गठित की गई है। सरकार इस मामले में बिल्कुल ढिलाई नहीं कर रही है। दोषियों को कठोर से कठोर सजा दिलाने के लिए सरकार संकल्पबद्ध है।