मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 31 मार्च के बाद, यानी आगामी एक अप्रैल से प्रदेश में होने वाले विद्युत संकट के संबंध में शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से भेंट की।
केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद उत्तराखंड को एक मार्च से 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली केंद्रीय पूल से मिलने लगी है। यह अतिरिक्त बिजली 31 मार्च तक मिलेगी। एक अप्रैल के बाद प्रदेश को फिर बिजली संकट से जूझना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के समक्ष विस्तार से यह विषय रखा। उन्होंने कहा कि जलविद्युत उत्पादन में कमी के कारण प्रदेश की विद्युत मांग और उपलब्धता में वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रतिमाह औसतन 400 मेगावाट का अंतर रहने का अनुमान है।
मुख्यमंत्री ने टीएचडीसी खुर्जा के आवंटन पर पुनर्विचार करने अथवा उत्तराखंड की ऊर्जा सुरक्षा के लिए इस पावर स्टेशन से 133 मेगावाट की अनावंटित क्षमता उत्तराखंड को उपलब्ध कराने पर बल दिया।
विद्युत आपूर्ति की समस्या के समाधान को केंद्रीय मंत्री ने उत्तराखंड स्थित गैस पावर प्लांट के दोबारा संचालन का सुझाव दिया। साथ में प्रदेश के लिए बेस लोड विद्युत गृह कोयले की उपलब्धता वाले प्रदेशों में स्थापित करने के लिए आवश्यक सहयोग प्रदान करने का भरोसा दिया।
उत्तराखंड को लोहारी नागपाला परियोजना सौंपने का निर्णय:
प्रदेश की लंबित 20 जलविद्युत परियोजनाओं को लेकर नई उम्मीद बंधी है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इन परियोजनाओं पर शीघ्र ही प्रधानमंत्री कार्यालय स्तर पर बैठक होगी। इस संबंध में केंद्रीय दल उत्तराखंड में विद्युत आपूर्ति और आवश्यकता का अध्ययन कर आगे की कार्ययोजना तैयार करेगा।
उन्होंने जोशीमठ में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में एनटीपीसी के कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी मद में पुनर्निर्माण कार्यों में सहायता का आश्वासन भी दिया। लोहारी नागपाला परियोजना में सुरक्षा कार्य पूर्ण करते हुए इसे उत्तराखंड को हस्तगत करने का निर्णय भी लिया गया। बैठक में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारी, प्रदेश के ऊर्जा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम समेत वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।