कारगिल विजय दिवस (शौर्य दिवस) पर बुधवार को गांधी पार्क में मुख्य समारोह आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युद्ध स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर कारगिल युद्ध के बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बलिदानियों के स्वजन को सम्मानित भी किया।
सीएम ने घोषणा की कि देहरादून के हरबर्टपुर व पिथौरागढ़ के डीडीहाट में एक-एक अतिरिक्त जिला सैनिक कल्याण कार्यालय खोला जाएगा। प्रदेश के सभी सैनिक द्वार व स्मारकों की देखरेख सैनिक कल्याण विभाग और जिला प्रशासन करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने पराक्रम की नई परिभाषा लिखी।
भारतीय सैनिकों ने कारगिल युद्ध में जिस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा, उससे पूरे विश्व ने भारतीय सेना का लोहा माना। कारगिल में भारत के रणबांकुरों का दुश्मन के खिलाफ किया गया सिंहनाद आज तक उसी वेग से गूंज रहा है। आने वाली कई पीढ़ियां इससे प्रेरणा लेती रहेंगी।
उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन इसलिए जरूरी हैं ताकि भावी पीढ़ी इस शौर्य गाथा से परिचित हो। इसे अपने मानस पटल, अपनी स्मृति में रखे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी जरूरत पड़ी है उत्तराखंड के वीरों ने देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए अदम्य साहस और शौर्य का परिचय दिया है। कारगिल युद्ध में भी उत्तराखंड से 75 वीर सपूत शहीद हुए थे। कहा कि अपने सैनिकों की स्मृति को हम कभी मिटने नहीं देंगे।
दून के गुनियालगांव में बलिदानियों की स्मृति में भव्य सैन्यधाम का निर्माण किया जा रहा है। हमारा लक्ष्य है कि वह इतना भव्य बने कि देशभर के लोग यहां आएं। सैनिक बाहुल्य गांव सवाड़ में सैनिक स्मृति केंद्र बनाने व प्रदेश में सैनिक विश्राम गृह की संख्या बढ़ाने का भी काम सरकार कर रही है। राज्य सरकार पूर्व सैनिकों व बलिदानी सैनिकों के आश्रितों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है। बलिदानी सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकार सेवायोजित कर रही है। राज्य के वीरता पदक से अलंकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त व वार्षिकी राशि में अभूतपूर्व वृद्धि की गई है। कहा कि सेवारत व पूर्व सैनिकों को 25 लाख मूल्य की संपत्ति के खरीद पर स्टांप ड्यूटी में 25 प्रतिशत की छूट दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना के साथ उनका रिश्ता आत्मीयता का रिश्ता है। अपने पिता से सुनी वीर सैनिकों की गाथाओं ने उन्हें बचपन से ही बहुत प्रभावित किया और उनके अंदर राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना को जागृत किया। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि भारतीय सेना ने सदैव राष्ट्र की अखंडता व संप्रभुता बनाए रखने के लिये अनुकरणीय साहस और देशभक्ति का प्रदर्शन किया है। हमारा प्रथम कर्तव्य है कि देश की सीमाओं की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिकों व उनके स्वजन के मान-सम्मान व कल्याण के लिए सदैव तत्पर रहें।
इस अवसर पर स्कूली छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति से ओतप्रोत गीतों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में विधायक खजानदास, सविता कपूर, महपौर सुनील उनियाल गामा, जिलाधिकारी सोनिका, एसएसपी दलीप सिंह कुंवर, सैनिक कल्याण निदेशक ब्रिगेडियर अमृतलाल (सेनि), रिटायर मेजर जनरल देवेश अग्निहोत्री, ब्रिगेडियर सम्मी सब्बरवाल, ब्रिगेडियर दिनेश बडोला समेत तमाम पूर्व सैनिक व बलिदानी सैनिकों के स्वजन भी मौजूद रहे।