देवभूमि उत्तराखंड धार्मिक व आध्यात्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि सरकार इस मध्य हिमालयी राज्य में तीर्थाटन व पर्यटन पर विशेष जोर दे रही है और इसी क्रम में सुविधाएं भी विकसित की जा रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अब उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित करने का भी मंत्र दिया है। यद्यपि, राज्य में धार्मिक, आध्यात्मिक व प्राकृतिक स्थलों में लोग विवाह समारोह आयोजित करने में रुचि ले रहे हैं, लेकिन अब प्रधानमंत्री की सलाह से इन प्रयासों को न केवल गति मिलेगी, बल्कि स्थानीय आर्थिकी भी संवरेगी।
त्रियुगीनारायण मंदिर को वेडिंग डेस्टिनेशन बनाना लक्ष्य
उत्तराखंड की धार्मिक मान्यताएं न सिर्फ भगवान के दर्शन के लिए बल्कि सात फेरे लेने के लिए भी विख्यात है। यहां पर ही वो स्थान है जहां भगवान शिव और माता पार्वती ने सात फेरे लिए थे। उत्तराखंड में त्रियुगीनारायण मंदिर भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह स्थल के रूप में पहले से ही विद्यमान है। इस सुरम्य और धार्मिक व आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस स्थली में सात फेरे लेने का आकर्षण प्रतिवर्ष बढ़ रहा है।
इन स्थलों को बनाना है शादी के लिए परफेक्ट
इसी तरह धर्मनगरी हरिद्वार में शांतिकुंज में बड़ी संख्या में जोड़े विधि-विधान के साथ जन्म-जन्मांतर के बंधन में बंधते हैं तो तीर्थनगरी ऋषिकेश भी देश-विदेश के लोगों के लिए बड़े वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है। इसी तरह मसूरी, नैनीताल, रामनगर समेत सर्व सुविधा संपन्न स्थलों में देश-विदेश से आकर विवाह का चलन बढ़ा है।
विशुद्ध रूप से प्रकृति की गोद में विवाह के लिए औली जैसे स्थल भी यहां हैं। जिस तरह से पर्यटन व तीर्थाटन के लिए सरकार सुविधाएं विकसित कर रही है, उससे यहां विवाह करने का आकर्षण भी बढ़ रहा है।
पीएम मोदी ने दिया वेड इन इंडिया का नारा
वैश्विक निवेशक सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने मेक इन इंडिया की तर्ज पर वेड इन इंडिया का आह्वान किया। साथ ही अमीरों, संपन्न लोगों व युवाओं से अपील की कि वे अगले पांच वर्षों में वे उत्तराखंड में कम से कम एक विवाह समारोह आयोजित करें। उन्होंने यह भी कहा कि यदि उत्तराखंड में एक साल में पांच हजार शादियां भी होती हैं तो एक नया बुनियादी ढांचा तैयार होगा और राज्य को दुनिया के लिए एक विवाह स्थल में बदल देगा।
राज्य सरकार चलाएगी मुहिम
जाहिर है कि प्रधानमंत्री के इस आह्वान के बाद अब राज्य सरकार मुहिम के तौर पर इस दिशा में आगे बढ़ेगी और आने वाले दिनों में न केवल देश, बल्कि विदेश से भी बड़ी संख्या में लोग आकर मनोरम स्थलों पर विवाह बंधन में बंधेंगे। इससे ये स्थल तो विकसित होंगे ही, वहां आजीविका के नए अवसर भी सृजित होंगे।
राज्य में प्रमुख विवाह गंतव्य स्थल
त्रियुगीनारायण, शांतिकुंज हरिद्वार, ऋषिकेश, जोशीमठ, मसूरी, देहरादून, औली, चकराता, हर्षिल, काणाताल, टिहरी झील, नरेंद्र नगर, नैनीताल, रामनगर, ब्रह्मताल, रानीखेत, अल्मोड़ा, भीमताल, मुक्तेश्वर, रामगढ़, रानीगढ़, नौकुचियाताल, घोड़ाखाल, गोल्ज्यू मंदिर, चितई गोल्ज्यू मंदिर आदि।