उत्तराखंड में भी हिमालयन बास्केट की औपचारिक शुरुआत हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्य सेवक सदन से हिमालयी क्षेत्र के उत्पादों पर केंद्रित इस ब्रांड की राज्य में लांचिग की। इस अवसर पर चंपावत से वर्चुअली जुड़े व्यक्तियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जो भी लोग स्थानीय उत्पादों को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं, सरकार उन्हें प्रोत्साहित करने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने चंपावत को आदर्श बनाने का संकल्प भी दोहराया।
दुध से बने चुरपी और घी की विदेश में है अधिक मांग
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालयन बास्केट की शुरुआत वर्ष 2018 में उत्तराखंड निवासी सुमित व स्नेहा थपलियाल ने की थी। सुमित पेशे से इंजीनियर हैं, जबकि स्नेहा मार्केटिंग प्रोफेश्नल है। कुछ अलग करने की चाह और स्थानीय निवासियों को रोजगार देने के उद्देश्य से दोनों ने डेयरी, खेती व इनसे जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विमर्श कर हिमालयन बास्केट शुरू किया। हिमालयन बास्केट के तहत दूध, हल्दी, पुदीना जैसे उत्पाद खरीदकर इनसे विभिन्न उत्पाद तैयार कर निर्यात किए जाते हैं। इस पहल से 200 व्यक्तियों को रोजगार मिला है। उन्होंने कहा कि दूध से बने चुरपी और घी की विदेश में अधिक मांग है। चुरपी गाय के दूध से बना विशेष कठोर पनीर है।
चंपावत को आदर्श बनाना है हमारा संकल्प- धामी
हिमालयन बास्केट ने इन दोनों के उत्पादन का बीड़ा उठाया है। इसी के दृष्टिगत हिमालयन बास्केट की ओर से बड़ी प्रोडक्शन इकाई की स्थापना के दृष्टिगत चंपावत जिले में कोल्ड स्टोर उपलब्ध कराने का आग्रह सरकार से किया गया। उसे बागवानी का कोल्ड स्टोर लीज पर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हमारा स्वप्न और संकल्प चंपावत को आदर्श बनाना है। इसलिए यहां के उत्पाद भी आदर्श होने चाहिए।इस अवसर पर बताया गया कि हिमालयन बास्केट ने एमएसएमई के तहत कोल्ड स्टोर में नई प्रोडक्शन इकाई स्थापित की है। हिमालयन बास्केट ने पिछले वर्ष बेंगुलरु रोड शो के दौरान राज्य में 200 करोड़ के एमओयू पर हस्ताक्षर किए। यह निवेश अगले सात वर्ष में किया जाएगा।