राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मंगलवार को बार्डर रोड आर्गनाइजेशन (बीआरओ) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने अलग-अलग भेंट की। महानिदेशक ने बताया कि प्रदेश में पांच एयरफील्ड गूंजी, कालसी, टनकपुर, घनसाली और नाविढांग में विकसित करने की योजना है। राज्यपाल ने राजभवन में बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन के साथ उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में सड़क संपर्क पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने सीमांत क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बीआरओ के प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर एडीजीबीआर (एनडल्यू) हरेंद्र कुमार और बीआरओ के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सचिवालय में भेंट के दौरान बीआरओ के महानिदेशक रघु श्रीनिवासन ने पिथौरागढ़ में बलुआकोट से तवाघाट और लिपुलेख से जोलिंगकोंग तक बनाए जा रहे सड़क मार्ग के बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में आदि कैलास और पार्वतीकुंड आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी। राज्य में श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि की संभावनाओं को दृष्टिगत राज्य सरकार आगामी 50 सालों की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि बीआरओ को राज्य में किए जा रहे कार्यों में तेजी लाने के लिए राज्य सरकार पूरा सहयोग करेगी। महानिदेशक रघु श्रीनिवासन ने बताया कि जोशीमठ से औली तक 13.50 किमी सड़क मार्ग में से 2.25 किमी का रखरखाव सेना कर रही है।
उन्होंने सामरिक महत्व के इस मार्ग के अवशेष भाग के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य लोक निर्माण के स्थान पर बीआरओ को हस्तांतरित कर करने का अनुरोध किया। इसी प्रकार जोशीमठ के बडग़ांव के हनुमान शिला से औली के लिए 15 किमी वैकल्पिक मार्ग के निर्माण को भी बीआरओ को सौंपने पर बल दिया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता दीपक कुमार यादव एवं बीआरओ के अधिकारी उपस्थित थे।