मतदान के बाद से ही कांग्रेस लगातार अच्छे प्रदर्शन की बात कहते हुए सरकार बनने का दावा भी करने लगी है। साथ ही पूर्व सीएम हरीश रावत ने खुद को मुख्यमंत्री के रूप में भी प्रोजेक्ट करना शुरू कर दिया है। अब कांग्रेस को स्ट्रांग रूम की निगरानी को लेकर भी चिंता होने लगी है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने इंटरनेट मीडिया के जरिये पार्टी के सभी जिलाध्यक्षों और उम्मीदवारों से अपील करते हुए कहा कि परिणाम वाले दिन यानी दस मार्च तक स्ट्रांग व मतगणना स्थलों की निगरानी करें।
प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल के इस बयान के कई मायने हैं। कांग्रेस को आशंका है कि मतगणना से पहले कहीं कोई गड़बड़ी न हो जाए। उत्तराखंड की 70 सीटों पर इस बार 632 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे। 14 फरवरी को सभी सीटों पर वोटिंग हो चुकी है। आप, बसपा, उत्तराखंड क्रांति दल और निर्दलीय उम्मीदवारों के प्रदर्शन पर सबकी नजर है। लेकिन पिछले चार चुनाव की तरह मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है। पीएम मोदी और सीएम पुष्कर धामी के चेहरे पर चुनाव लडऩे वाली भाजपा ने प्रचार के दौरान साठ पार का नारा दिया था। जबकि कांग्रेस एंटी इनकम्बेंसी, महंगाई, बेरोजगारी आदि मुद्दों को लेकर सत्ता में आने का दावा कर रही थी। मतदान के बाद कांग्रेस का उत्साह और बढ़ दिख रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हर रोज भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करने के साथ सरकार आने पर नई पेंशनों को लागू करने की बात कह रहे हैं। हरदा यहां तक कह चुके हैं कि या तो मैं सीएम बनूंगा या घर बैठूंगा। वहीं, अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल की फेसबुक पोस्ट ने मतगणना तक एक नई चर्चा को शुरू कर दिया है।
हालांकि पूर्व में हुए चुनावों में भी कांग्रेस ईवीएम को लेकर भी सवाल खड़े कर चुकी है। साथ ही परिणाम अनुकूल न रहने पर बाद में ईवीएम पर ठीकरा फोडऩे में भी कांग्रेस पीछे नहीं रही है। ऐसे में गोदियाल की पोस्ट के कई मायने समझे जा रहे हैं। पार्टी के जिलाध्यक्ष और कांग्रेस उम्मीदवारों की बैचेनी भी इससे बढ़ चुकी है। पदाधिकारी स्ट्रांग रूम की सुरक्षा को लेकर अपने स्तर से निगरानी बढ़ाने की तैयारी करने लगे हैं।