उजाले के पर्व दीपावली पर प्रदेश की जगमगाहट में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न न हो, इसके लिए ऊर्जा निगम ने कमर कस ली है। पहाड़ से लेकर मैदान तक निर्बाध आपूर्ति के लिए ऊर्जा निगम ने विशेष इंतजाम कर रहा है। ट्रांसफार्मर समेत अन्य विद्युत उपकरणों की टेस्टिंग पूरी की जा चुकी है। साथ ही पेड़ों की लापिंग-चापिंग भी तेज कर दी गई है। निगम प्रबंधन का दावा है कि इस दौरान कहीं भी बिजली की किल्लत नहीं होने दी जाएगी। फील्ड स्टाफ को भी 24 घंटे उपलब्ध रहने के निर्देश दिए गए हैं। बत्ती गुल होने पर उपभोक्ताओं से 1912 पर सूचना देने की अपील की गई है।
बिजली का संकट होने की आशंका तो बेहद कम
दीपावली पर प्रदेश में बिजली का संकट होने की आशंका तो बेहद कम है, लेकिन किसी प्रकार का फाल्ट या अन्य तकनीकी दिक्कत खुशियों में खलल न डाले, इसके लिए ऊर्जा निगम हर बार की तरह अलर्ट मोड पर है। फाल्ट से बचने और लोड को नियंत्रित करने के लिए ऊर्जा निगम की ओर से तमाम तैयारियां कर ली गई हैं।
ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार यादव ने बताया कि शहरों में विद्युत लाइनों और पोल से सटे पेड़ों की टहनियां हटा दी गई हैं। साथ ही सभी बिजली घरों के उपकरण और ट्रांसफार्मर की टेस्टिंग कर ली गई है।
मुस्तैदी के साथ ड्यूटी पर बने रहने के निर्देश जारी किए गए
इसके अलावा फील्ड कर्मियों को दीपावली के दिन पूरी मुस्तैदी के साथ ड्यूटी पर बने रहने के निर्देश जारी किए गए हैं। अक्सर दीपावली पर ऊर्जा निगम के पास सरप्लस बिजली होती है। तमाम उद्योग दीपावली के दिन बंद रहते हैं, जिसके चलते बिजली की खपत घटती है और जरूरत से अधिक बिजली उपलब्ध रहती है।
दीपावली पर अनुमानित बिजली खपत
कुल मांग, 32-34 मिलियन यूनिट
कुल उपलब्धता, 33-35 मिलियन यूनिट
यूजेवीएन का उत्पादन, 09-10 मिलियन यूनिट
केंद्र से आवंटित राज्य का अंश, 14-15 मिलियन यूनिट
अन्य स्रोत से उपलब्ध, 10-11 मिलियन यूनिट