सस्ती बिजली खरीद से हुई बचत के कारण पूर्व में बिजली के बिल में वसूली गई अतिरिक्त धनराशि ऊर्जा निगम उपभोक्ताओं को लौटाएगा। अक्टूबर में प्रदेश के उपभोक्ताओं के बिल में करीब 84 करोड़ की रिबेट (छूट) दी जाएगी। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की ओर से निर्धारित औसत दरों से कम पर बिजली मिलने से ऊर्जा निगम को दो सौ करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई है, जिसे जुलाई से उपभोक्ताओं को लौटाया जा रहा है। फ्यूल एंड पावर पर्चेज कोस्ट एडजस्टमेंट व्यवस्था के तहत औसत से महंगी बिजली खरीदने पर ऊर्जा निगम उपभोक्ताओं के बिल में अतिरिक्त वसूली करता है, जबकि सस्ती बिजली खरीद पर रिबेट दी जाती है।
सस्ती बिजली खरीद पर दी जाती है रिबेट
ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने बीते मार्च के टैरिफ आदेश में वर्ष 2024-25 की औसत विद्युत क्रय दर 5.03 रुपये प्रति यूनिट अनुमोदित की गई थी। जिसके सापेक्ष ऊर्जा निगम की अप्रैल से अगस्त की अवधि में औसत विद्युत क्रय लागत 4.75 रुपये प्रति यूनिट रही। इस प्रकार अप्रैल से अगस्त की अवधि में ऊर्जा निगम की विद्युत क्रय लागत में अनुमोदित औसत दर के सापेक्ष 0.28 रुपये प्रति यूनिट (छह प्रतिशत) की कमी आई। जिसके कारण विद्युत क्रय लागत मद में लगभग 220 करोड़ की बचत हुई। विद्युत क्रय लागत में हुई इस बचत की धनराशि को ऊर्जा निगम की ओर से मासिक आधार पर उपभोक्ताओं को विद्युत बिलों में छूट प्रदान कर पैसा वापस किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ऊर्जा निगम की ओर से एफपीपीसीए के तहत बिजली महंगी खरीदे जाने पर बिल में अतिरिक्त धनराशि वसूली जाती है और सस्ती खरीद पर वसूली गई धनराशि छूट के रूप में वापस की जाती है।
इस तरह दी जा रही बिल में छूट
ऊर्जा निगम के अनुसार, जुलाई में 39.06 करोड़ रुपये (0.30 रुपये प्रति यूनिट), अगस्त में 67.10 रुपये करोड़ (0.52 रुपये प्रति यूनिट), सितंबर में 28.88 करोड़ रुपये (0.23 रुपये प्रति यूनिट) और अब अक्टूबर में 84.19 रुपये करोड़ (0.70 रुपये प्रति यूनिट) की छूट बिलों में दी जा रही है।