देश में अभी तर 3 करोड़ से ज्यादा टैक्सपेयर्स ने आईटीआर फाइल कर दिया है। आईटीआर फाइल करने में तेजी बरकरार है। अगर आपने भी अभी तक आईटीआर फाइल नहीं किया है और आखिरी तिथि का इंतजार कर रहे हैं तो आपको ये महंगा पड़ सकता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 31 जुलाई 2023 को रिटर्न फाइल करने की आखिरी डेट तय किया है। अक्सर आखिरी डेट पर पोर्टल पर भीड़ हो जाती है, इस से सर्वर डाउन हो जाता है। ऐसे में आपको जल्द से जल्द आईटीआर फाइल कर देना चाहिए।
अगर आपने वित्त वर्ष 2022-23 में कोई नौकरी बदली है तो आपको रिटर्न फाइल करते समय कई बात का ध्यान रखना चाहिए। अगर आपने रिटर्न फाइल करते समय कोई भी गलती हो जाती है तो आपको रिटर्न अमान्य हो जाएगा। आइए, जानते हैं कि आपको कौन-सी बातों का ध्यान रखना चाहिए।
फॉर्म-16:
आईटीआर फाइल करते समय फॉर्म-16 का अहम रोल होता है। कई बार ऐसे देखा जाता है कि लोग नौकरी बदलने में जल्दबाजी करते हैं और वो फॉर्म-16 लेना भूल जाते हैं।जब रिटर्न फाइल के टाइम पर फॉर्म-16 की जरूरत पड़ती है। ऐसे में आपको नौकरी बदलते समय फॉर्-16 जरूर लेना चाहिए।
फॉर्म-26 एस:
टैक्स का कैलकुलेशन आसान तरीकों से हो जाए तो आपको इसके लिए आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाकर फॉर्म-26 एएस को डाउनलोड कर लेना चाहिए। इस फॉर्म के जरिये आप बैंक से आई इनकम और अपने टैक्स को मैच करके टैक्स बेनिफिट पाने के लिए सही टैक्स कटौती का सही आंकलन कर सकते हैं।
निवेश के दस्तावेज:
हम अपनी जमा-पूंजी को कई जगह पर निवेश करते हैं पर उसके कागज को सही ढंग से नहीं रखते हैं। जब हमें रिटर्न फाइल करना होता है तो हमें इन दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है। ऐसे में हम वो कागज ढूंढने लग जाते हैं। इसलिए आपको रिटर्न फाइल करने से पहले ही निवेश के सभी डॉक्यूमेंट्स का ब्योरा तैयार रखना चाहिए।
टैक्स का कैलकुलेशन:
आपको आईटीआर फाइल करते समय सही तरीके से टैक्स का कैलकुलेशन करना चाहिए। आपको अपनी पुरानी कंपनी के सैलरी और नई कंपनी की सैलरी को जोड़ना चाहिए। इसके बाद आपको धारा 80 सी में निवेश की गई राशि को जोड़ना चाहिए। अब आप कंपनी द्वारा काटे गए टैक्स को मिलाएं। इसके बाद आपको इनकम टैक्स की वेबसाइट पर जाकर आप टैक्स की गणना कर सकते हैं।
अगर आपने कोई टैक्स का भुगतान नहीं किया है तो आपको सबसे पहले वो टैक्स का भुगतान करना चाहिए, उसके बाद ही रिटर्न फाइल करना चाहिए। इस तरह से आप आराम से सही आईटीआर फाइल कर सकते हैं।
रिटायरमेंट फंड की जानकारी:
अगर आपकी सैलरी का एक हिस्सा हर महीने आपके रिटायरमेंट फंड में जमा होता है। इस फंड में कंपनी द्वारा भी योगदान दिया जाता है। जब आप नौकरी बदलते हैं तो आपको इसकी जानकारी अपने रिटर्न में देनी होती है। आप अगर 5 साल तक सर्विस कर रहे हैं और फंड से पैसे नहीं निकाल रहे हैं तब आपको इस फंड में जमा राशि पर टैक्स का भुगतान करना होता है। 5 साल के बाद ये फंड टैक्स फ्री हो जाता है। आपको अपने पीएफ फंड को ट्रांसफर करना होता है। इसके लिए आपको फॉर्म 10C और फॉर्म 19 भरना होता है। अगर आप अपना पीएफ फंड ट्रांसफर नहीं करवाते हैं तो आपको रिटर्न फाइल करते समय परेशानी आ सकती है।