उत्तराखंंड में अब जमीन खरीदने के लिए आपराधिक इतिहास के साथ ही खरीदने का मकसद भी बताया होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में कानून-व्यवस्था का सख्ती से पालन करवाया जाए। अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में रह रहे बाहरी लोगों को सघनता से सत्यापन किया जाए। मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने गुरुवार को अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। कहा कि जो भी बाहरी व्यक्ति राज्य में जमीन खरीदने के लिए आ रहे हैं, वे किस उद्देश्य से जमीन खरीद रहे हैं? यह बताना पड़ेगा। अब आपराधिक विवरण के साथ ही भूमि क्रय करने का उद्देश्य भी बताना पड़ेगा। इसका उनसे निर्धारित प्रारूप पर घोषणा पत्र भरवाया जाए।
बाहरी लोगों के जमीन खरीदने से पहले इसकी भी सघनता से जांच करवाई जाए कि उन पर कहीं कोई आपराधिक मामला न चल रहा हो, जांच के दौरान यदि किसी व्यक्ति पर आपराधिक मामला पाया जाता है, तो प्रारूप पर उसका स्पष्ट उल्लेख हो। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को चिन्हित किया जाए। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कारवाई की जायेगी। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि वनाग्नि, पेयजल, और बिजली की समस्याओं को दूर करने के लिए नियमित बैठक कर समीक्षा की जाए। आगे इस तरह की समस्याएं न हों, इसके लिए जो भी प्रभावी उपाय किये जाने हैं, जल्द किये जाएं। कार्यों में लापरवाही करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
आपदा प्रबंधन और आगामी कांवड़ के दृष्टिगत सभी तैयारियां पूर्ण रखी जाएं। शासन के वरिष्ठ अधिकारी नियमित सभी जिलाधिकारियों के संपर्क में रहें, जनपदों से किसी भी प्रकार की सहायता के अनुरोध पर उनका यथाशीघ्र समाधान किया जाए।
अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सरकार द्वारा विभिन्न विभागों के माध्यम से चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं की धनराशि लाभार्थी को डीबीटी के माध्यम से जल्द मिले। वित्त विभाग और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग इसकी त्वरित कार्यवाही करे। जन समस्याओं का समाधान शीघ्रता से किया जाए।
जल संरक्षण और संवर्द्धन के साथ ही व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण के लिए अभियान चलाने के निर्देश भी दिए। इसे जन अभियान से जोड़ा जाए। वर्षा जल संचय पर भी विशेष ध्यान देने के साथ ही इसके लिए लोगों को जागरूक करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए।
बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अभिनव कुमार, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, दिलीप जावलकर, शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, एडीजी एपी अंशुमन, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी, अपर सचिव जेसी कांडपाल उपस्थित थे।