नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का कहना है कि भाजपा में संगठन और सरकार आने पर बंटने वाले दायित्वों में एससी वर्ग के लोगों को पूरा प्रतिनिधित्व नहीं मिलता। बकौल आर्य वह जातिगत राजनीति नहीं बल्कि संख्या के आधार पर भाजपा में रहते इस समाज के लोगों को आगे बढ़ाने की मांग करते थे। मगर गंभीरता से नहीं लिया गया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में आयोजित कोर कमेटी की बैठक में भी इस बात को रखा था। लेकिन गौर नहीं किया गया।
कांग्रेस से राजनीति की शुरुआत कर कई अहम पदों में रहे यशपाल आर्य 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। जिसके बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया। जबकि बेटे संजीव आर्य 2017 में अपने पहले चुनाव में भाजपा के टिकट पर नैनीताल से चुनाव जीते थे। हालांकि, पिछले साल यशपाल बेटे संग पुन: कांग्रेस में शामिल हो गए। जिसके बाद यशपाल बाजपुर से जीतने में कामयाब रहे, लेकिन संजीव को नैनीताल सीट पर शिकस्त खानी पड़ी।
वहीं, राजस्थान के उदयपुर में आयोजित कांग्रेस के नव संकल्प शिविर में राहुल गांधी ने यशपाल के बहाने भाजपा पर एससी वर्ग के उत्पीडऩ का आरोप लगाया। उनका कहना था कि आर्य ने इस संदर्भ में उनसे कई बातें साझा कीं। राहुल के इस बयान के बाबत पूछ जाने पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मैंने भाजपा में रहते कई मंचों पर एससी वर्ग को उसकी संख्या के आधार पर संगठन से लेकर सरकार के दायित्वों (राज्यमंत्री) और न्यायिक व्यवस्था में योग्यता के आधार पर ही सही आगे बढ़ाने की बात रखी थी, लेकिन मेरी बात को गंभीरता से नहीं लिया गया।