ऊधमसिंहनगर के रोशनपुर गांव में नकली देशी शराब की फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद आबकारी आयुक्त ने निरीक्षक समेत छह कार्मिकों को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही नकली शराब बनाने के लिए इथाइल एल्कोहल की आपूर्ति के आरोप में आइजीएल की काशीपुर स्थित डिस्टिलरी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
आबकारी आयुक्त हरि चंद्र सेमवाल के मुताबिक, सोमवार देर रात पकड़ी गई नकली शराब फैक्ट्री के मामले में प्रथम दृष्टया संबंधित क्षेत्र के कार्मिकों की लापरवाही उजागर हुई है।
लिहाजा, तत्काल प्रभाव से आबकारी निरीक्षक बाजपुर मोहन सिंह कोरंगा, आबकारी निरीक्षक अतिरिक्त प्रभार जनपदीय प्रवर्तन सोनू सिंह, उप आबकारी निरीक्षक जनपदीय प्रवर्तन देवेंद्र कुमार, प्रधान आबकारी सिपाही नितिन कुमार, आबकारी सिपाही जगवती, धर्म सिंह को निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही प्रकरण की जांच भी शुरू कराई जा रही है। ताकि नकली शराब मामले में कार्मिकों की अनदेखी या संलिप्तता समेत अन्य पहलू समाने आ सकें।
नकली शराब को इथाइल एल्कोहल की आपूर्ति का गंभीर आरोप:
आबकारी आयुक्त हरि चंद्र सेमवाल के मुताबिक, पुलिस के माध्यम से इस तरह की बात सामने आ रही है कि काशीपुर स्थित आइजीएल डिस्टिलरी में जो इथाइल एल्कोहल तैयार किया जाता है, उसकी आपूर्ति नकली शराब बनाने के लिए भी की जा रही है। क्योंकि, डिस्टिलरी से इथाइल एल्कोहल को देशभर में विभिन्न स्थानों पर ट्रकों के माध्यम से भेजा जाता है।
ऐसे में आशंका है कि इथाइल एल्कोहल को बीच में कहीं-कहीं अवैध देशी शराब बनाने के लिए भी मुहैया कराया जाता रहा। आइजीएल को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि नियमानुसार स्प्रिट की मात्रा व तीव्रता का उल्लेख परिवहन पास पर करते हुए उसे सीलबंद कर परिवहन किया जाता है।
इसकी जिम्मेदारी संबंधित डिस्टिलरी की होती है। जो तथ्य सामने आ रहे हैं, उससे प्रतीत होता है कि स्प्रिट को गंतव्य तक सुरक्षित न पहुंचाकर बीच रास्ते में अवैध देशी शराब बनाने वालों मुहैया कराया जा रहा था। नोटिस में यह भी कहा गया है कि इस कृत्य के लिए क्यों न डिस्टिलरी का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाए। डिस्टिलरी प्रबंधन को तीन दिन के भीतर जवाब देने को कहा गया है।