चार दिन से चली आ रही परिवहन कर्मचारियों की प्रदेशव्यापी हड़ताल शुक्रवार दोपहर समाप्त हो गई। रुद्रप्रयाग में 15 जून को हुई दुर्घटना में निलंबित दोनों परिवहन कर्मचारियों को शासन ने बहाल कर दिया है। परिवहन सचिव बृजेश कुमार संत ने बताया कि मामले में जो जांच समिति गठित की गई थी, उसने दुर्घटना में दोनों कर्मचारियों की कोई लापरवाही नहीं पाई है। इसी आधार पर कर्मचारियों को बहाल किया गया है। वहीं, हड़ताल खत्म होने के साथ ही प्रदेशभर के समस्त आरटीओ, एआरटीओ कार्यालयों, परिवहन चेकपोस्टों पर मंगलवार से ठप पड़ा ड्राइविंग लाइसेंस, वाहनों के पंजीकरण, फिटनेस, टैक्स आदि समेत प्रवर्तन का काम शुरू हो गया है।
सरकार को 15 करोड़ रुपये के राजस्व की चपत
बता दें कि राज्य के समस्त आरटीओ एवं एआरटीओ कार्यालयों समेत चेकपोस्टों पर चल रही हड़ताल के कारण सरकार को 15 करोड़ रुपये के राजस्व की चपत लग गई। हड़ताल में ट्रांसपोर्टरों व आमजन को सभी आरटीओ व एआरटीओ कार्यालयों से बैरंग लौटना पड़ रहा था। विभाग के 18 कार्यालयों पर वाहन का टैक्स, फिटनेस, परमिट, नए पंजीकरण व लाइसेंस बनाने का काम समेत 12 चेकपोस्टों पर काम ठप पड़ा था। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शुक्रवार को यानी आज सचिव परिवहन बृजेश कुमार संत ने हड़ताली कर्मचारियों को सचिवालय में वार्ता के लिए बुलाया था। आरटीओ कार्यालय देहरादून में विभिन्न मदों में सरकार को रोजाना 60 से 70 लाख रुपये का राजस्व मिलता है। वहीं, प्रदेशभर के परिवहन कार्यालयों व चेकपोस्टों पर गौर करें तो राज्य सरकार के खजाने में तकरीबन पांच करोड़ रुपये रोजाना जमा होते हैं। इस हड़ताल में सरकार को लगभग 15 करोड़ रुपये राजस्व की चपत लगने का दावा हड़ताल पर डटे कर्मचारियों ने किया है।