प्रदेश में 11वीं व 12वीं कक्षा में अध्ययनरत हजारों छात्र-छात्राओं को स्थायी निवास जाति और अन्य आवश्यक प्रमाण पत्र विद्यालयों में ही उपलब्ध कराए जाएंगे। इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों एवं मुख्य शिक्षाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने सुशासन की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की है। प्रदेश में 11वीं व 12वीं कक्षा में अध्ययनरत हजारों छात्र-छात्राओं को स्थायी निवास, जाति और अन्य आवश्यक प्रमाण पत्र विद्यालयों में ही उपलब्ध कराए जाएंगे।
प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वाले विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को इन प्रमाणपत्रों के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। जिले में जिलाधिकारी और तहसील में उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समितियां निर्धारित टाइम फ्रेम में प्रमाण पत्र निर्गत करने की कार्ययोजना बनाएंगी।
जिलाधिकारियों एवं मुख्य शिक्षाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी:
दो माह के भीतर ये प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने होंगे। सूचना प्रौद्योगिकी व सुराज सचिव शैलेश बगोली ने इस संबंध में सोमवार को सभी जिलाधिकारियों एवं मुख्य शिक्षाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकारी कामकाज और जन सेवाओं में सरलीकरण से समाधान पर विशेष बल दे रहे हैं। उनके निर्देश पर ‘अपणो स्कूल, अपणु प्रमाण’ के रूप में यह कदम उठाया गया है।
जिले से लेकर तहसील स्तर पर स्थायी निवास, चरित्र, आय, पर्वतीय प्रमाण पत्र एवं अन्य प्रमाण पत्र निर्गत करने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, ताकि प्रतियोगी परीक्षाओं को देखते हुए उन्हें विद्यालयों में ही तमाम प्रमाण पत्र उपलब्ध हो जाएं। यह समस्त कार्यवाही अधिकतम दो माह के भीतर संपन्न कराई जाएगी। प्रत्येक जिले में इससे संबंधित सूचना जिलाधिकारी की ओर से शासन को साप्ताहिक रूप से दी जाएगी।
विद्यालयों में तिथिवार रोस्टर के अनुसार भ्रमण करेंगी टीम शासन ने जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में मुख्य शिक्षा अधिकारी को सम्मिलित करते हुए समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं। समिति जिला स्तर पर 11वीं व 12वीं में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की संख्या का आकलन करेगी। तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति विद्यालयों में भ्रमण करने वाली टीम का तिथिवार रोस्टर तैयार करेंगी। इस टीम में पटवारी या लेखपाल या कानूनगो के साथ कामन सर्विस सेंटर का डाटा एंट्री आपरेटर होगा। प्रमाण पत्रों को निर्गत करने की समयबद्ध कार्ययोजना बनाई जाएगी।
जिला स्तर पर हर सप्ताह अनुश्रवण कार्मिक सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि जिला स्तर पर इस कार्यक्रम का साप्ताहिक अनुश्रवण एवं निगरानी होगी। तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति में खंड शिक्षाधिकारी सम्मिलित किए जाएंगे।
समिति की ओर से जारी रोस्टर की सूचना संबंधित विद्यालयों को दी जाएगी। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा। प्रमाण पत्रों के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूचना प्रधानाचार्यों, छात्र-छात्राओं, अभिभावकों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी दी जाएगी।
पटवारी के साथ टीम पहुंचेगी विद्यालय:
उन्होंने बताया कि तहसील स्तर पर इस कार्यक्रम की दैनिक निगरानी एवं अनुश्रवण होगा। तिथिवार रोस्टर के अनुसार पटवारी, लेखपाल या कानूनगो एवं सीएससी डाटा एंट्री आपरेटर की टीम संबंधित विद्यालय का भ्रमण करेगी। प्रधानाचार्य से समन्वय कर प्रमाण पत्र के लिए आवश्यक शुल्क, दस्तावेज आनलाइन या आफलाइन माध्यम से तहसीलदार या उपजिलाधिकारी कार्यालयों को प्रेषित किया जाएंगे।
शुल्क व दस्तावेज मिलने पर सप्ताहभर में बनेंगे प्रमाण पत्र:
शुल्क और दस्तावेज मिलने के बाद तहसीलदार या उपजिलाधिकारी कार्यालय प्रमाण पत्र निर्गत करते हुए एक सप्ताह के भीतर अनिवार्य रूप से संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य को उपलब्ध कराएंगे। जिला स्तरीय समिति समस्त उपजिलाधिकारी, तहसीलदार और खंड शिक्षाधिकारियों से समन्वय कर संपूर्ण कार्यवाही की प्रभावी मानीटरिंग करेगी। किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न होने की स्थिति में समिति के स्तर से संबंधित को तत्काल आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएंगे।