प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद इसमें आवेदकों की पहचान सुनिश्चित करने की भी व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए समान नागरिक संहिता पोर्टल से आधार व पैन कार्ड जैसे अहम दस्तावेज जोड़े जाएंगे। इससे आवेदकों को बार-बार अपने विषय में जानकारी देने की मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। इन दस्तावेजों से पोर्टल सीधे संबंधित जानकारी प्राप्त कर लेगा।
ड्राफ्ट को प्रकाशन के लिए भेजा
प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लागू करने की दिशा में कदम बढ़ चुके हैं। पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में नियमावली तैयार करने वाली समिति इसका ड्राफ्ट तैयार कर चुकी है। इस ड्राफ्ट को प्रकाशन के लिए भेजा गया है। इसके बाद इसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपा जाएगा। इसे कैबिनेट से पारित कराने के बाद नौ नवंबर से पहले राज्य में समान नागरिक संहिता लागू कर दी जाएगी।
व्यवस्था में पूरी पारदर्शिता बनी रहेगी
समान नागरिक संहिता की नियमावली में एक अहम व्यवस्था आवेदकों की पहचान को सुनिश्चित करने के लिए भी की जा रही है। इसके तहत आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड व सेबी जैसी सभी प्रमुख सेवाओं को इससे जोडऩे की तैयारी है। इससे समान नागरिक संहिता के अंतर्गत मिले आवेदन व दस्तावेजों का मिलान किया जा सकेगा। उद्देश्य यह कि इससे व्यवस्था में पूरी पारदर्शिता बनी रहे।
उत्तराखंड को बनाया जाएगा कृषि उत्पादों के निर्यात का केंद्र: धामी
वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड को कृषि उत्पादों के निर्यात का केंद्र बनाने के लिए सरकार कई योजनाओं पर काम कर रही है। राज्य के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए हाउस आफ हिमालयाज की शुरुआत की गई है। बुधवार को मुख्यमंत्री धामी से केंद्रीय सचिव वाणिज्य एवं उद्योग सुनील बर्थवाल ने मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जैविक खेती, जीआइ टैग उत्पादों को बढ़ावा देने और राज्य के उत्पादों को विश्व स्तर पर ले जाने के लिए प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद विकास प्राधिकरण की महत्वपूर्ण भूमिका है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग सचिव ने बताया कि प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण द्वारा पहली बार किसी राज्य में इंडस्ट्री इंटरेक्शन मीट का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में 200 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड राज्य की जलवायु के अनुरूप यहां कृषि, बागवानी को बढ़ावा देने के लिए विस्तार से चर्चा की गई। राज्य के कृषि उत्पादों के निर्यात, जैविक खेती और जीआइ टैग उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए भी कई नीतिगत निर्णय लिए गए हैं।
साथ ही चाय विकास एवं संवर्धन योजना के तहत उत्तराखंड के छोटे चाय उत्पादकों को जैविक खेती और कारखाना स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने पर भी चर्चा की गई। इससे पहले केंद्रीय सचिव ने इंडस्ट्री इंटरेक्शन मीट कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने हाउस आफ हिमालयाज के मोबाइल स्टोर का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में उत्तराखंड के हाउस आफ हिमालयाज को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए विभिन्न कंपनियों के साथ करार हस्ताक्षरित किए गए।