
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक में खासे सख्त नजर आए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विकास को गति देने के लिए न वह चैन से सोएंगे और न ही अधिकारियों को सोने देंगे।
सड़क एवं पुलों के निर्माण कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूरा करने के साथ ही गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। कार्यों की गुणवत्ता को लेकर किसी भी तरह की शिकायत आने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद पुष्कर सिंह धामी अब पूरी तरह से विकास कार्यों की समीक्षा में जुट गए हैं। इसकी शुरुआत उन्होंने सोमवार को सचिवालय में लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक से की।
बैठक में उन्होंने कहा कि जनहित में अधिकारियों को कार्य संस्कृति एवं कार्य व्यवहार में सुधार लाना होगा। इसके लिए पूरा सिस्टम मजबूत किया जाए। लोक निर्माण विभाग के जो अवशेष कार्य हैं, उनकी प्रगति रिपोर्ट हर पखवाड़े मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के समक्ष प्रस्तुत की जाए।
विभाग लक्ष्य को पूरा करने के लिए समय सीमा तय करें। उन्होंने चारधाम यात्रा मार्गों पर बने भूस्खलन क्षेत्रों के लिए सात दिनों के भीतर कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने कहा कि भूस्खलन क्षेत्रों का लंबी अवधि का उपचार कर स्थायी समाधान निकाला जाए।
बैठक में बताया गया कि चारधाम परियोजना के तहत 889 किमी लंबाई के 53 कार्यों में से 691 किमी के 41 कार्य स्वीकृत हो चुके हैं। भारतमाला परियोजना के तहत सीमांत क्षेत्रों के सामरिक दृष्टि से यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए 628 किमी की पांच मार्गों का चयन किया गया है।
पीएमजीएसवाई की अधूरी तैयारी पर जताई नाराजगी:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की समीक्षा के दौरान विभागीय अधिकारियों द्वारा अधूरी तैयारी के साथ आने पर नाराजगी जताई। उन्होंने बैठक बीच में स्थगित करते हुए निर्देश दिए कि एक सप्ताह बाद विभागीय अधिकारी पूरी तैयारी के साथ आएं। पिछले पांच वर्षों में जो बड़े कार्य हुए हैं और जो कार्य प्रगति पर हैं, उनकी स्पष्ट जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
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