
सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंगोलीहाट, पिथौरागढ़ में 21 करोड़ 57 लाख रुपए के 06 कार्यों का शिलान्यास एवं 1 करोड़ 39 लाख की लागत के जीआईसी दशाईथल, गंगोलीहाट का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के विकास हेतु विभिन्न घोषणाएं की उन्होंने विकासखंड बेरीनाग के ग्राम बेलकोट-उपराडा सड़क को शहीद चारुचंद्र और विकासखंड गंगोलीहाट में जरमाल गांव से कनारा सड़क को वीर चक्र विजेता शहीद शेर सिंह के नाम से कराए जाने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त गणाई बनकोट मोटर मार्ग का डामरीकरण एवं सुधारीकरण किए जाने, डंगोली सैलानी- दाडिमखेत-धरमघर, कोटमन्या-पाँख, थल- सातशिलिंग मोटर मार्ग में
सुधारीकरण एवं हॉटमिक्स का कार्य अवशेष की घोषणा, बासपटान ग्वाल मोटर मार्ग सेतु सहित (5 कि०मी०) की घोषणा, थर्प बडेत बाफिला मोटर मार्ग के कि०मी० 2 से कमदीना बगदोली बजेत मोटर मार्ग का निर्माण (4 कि०मी०) की घोषणा, मधनपुर काकडा मोटर मार्ग (3 कि०मी०) की घोषणा, पाताल भुवनेश्वर से चौडमन्या मोटर मार्ग (5 कि०मी०) की घोषणा। मडकनाली सुरखाल पाठक मोटर मार्ग का निर्माण, बोगटा से खतीगंव तल्लीसार मोटर मार्ग, चमलेख इंटर कालेज का जीर्णोद्धार, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बेरीनाग में विभिन्न चिकित्सा विशेषज्ञ की तैनाती, चैंलेखवसे क्लोन तक मोटर मार्ग का शीघ्र निर्माण, ड्युड हडाकोट से बड़ेना मोटर मार्ग का शीघ्र निर्माण, गंगोलीहाट में अगले सत्र से पशु चिकित्सा महाविद्यालय खोले जाने की घोषणा समेत क्षेत्र के विकास के लिए विभिन्न घोषणाएं की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मां हाट कालिका के दर्शन कर उन्हें असीम शक्ति एवं शांति की अनुभूति हुई। मां हाट कालिका से मिले संरक्षण के कारण ही आज हम इतनी लगन और समर्पण के साथ उत्तराखण्ड की सेवा कर पा रहे हैं। इसी सिद्ध स्थान पर आदि गुरू शंकराचार्य जी द्वारा मां देवी की स्तुति करने के लिए देवी अपराध क्षमा स्रोत ’’न मत्रं नो यन्त्रं’’ की रचना की थी। जिसमें वर्णित ’’कुपुत्रो जायेत क्व चिदपि कुमाता न भवति’’ अर्थात पुत्र कुपुत्र हो सकता है, परन्तु माता कुमाता कभी नही हो सकती, जैसी सारगर्भित पंक्ति हमारी संस्कृति का दृष्टि सूत्र है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भूमि जहां वीरों की भूमि रही है, विद्वानों की भूमि रही है, वहीं महान ज्योतिषाचार्यों की भी भूमि रही है। गंगोलीहाट क्षेत्र जहां अपनी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को समेटे हैं, वहीं पर्यटन की दृष्टि से भी अत्यन्त महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड के समग्र विकास के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। सरकार का निरंतर ये प्रयास रहा है कि जनभावनाओं के आधार पर फैसले हों, जन समस्याओं का समाधान सरकार की शीर्ष प्राथमिकता रही है। हर विभाग से अगले दस साल का रोड मैप मांगा गया है, ताकि भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप राज्य के विकास का खाका खींच सकें। सरकार ने बोधिसत्व विचार श्रृंखला कार्यक्रम को भी शुरू किया है जिसके अंतर्गत सरकार विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर चुके अनुभवी व्यक्तियों से सुझावों को लेकर योजनाएं बना रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केन्द्र सरकार से राज्य को पूरा सहयोग मिला है। सड़क, रेल एवं हवाई कनेक्टिविटी का राज्य में तेजी से विस्तार हो रहा है। कई ऐसे बहुआयामी प्रोजेक्ट हैं जिन पर योजनाबद्ध तरीके से काम जारी हैं और जो भविष्य में उत्तराखण्ड की उन्नति के आधार स्तंभ बनेंगे। वर्ष 2025 में राज्य जब अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण करेगा, तब तक उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर मंत्री पेयजल, ग्रामीण निर्माण विभाग विशन सिंह चुफाल,विधायक गंगोलीहाट मीना गंगोला, अध्यक्ष जिला पंचायत दीपिका बोहरा, जिलाध्यक्ष भाजपा वीरेन्द्र वल्दिया, ब्लॉक प्रमुख गंगोलीहाट अर्चना गंगोला, बेरीनाग विनीता बाफिला,धारचूला धन सिंह धामी जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान, पुलिस अधीक्षक श्री लोकेश्वर सिंह आदि उपस्थित रहे।
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