
उत्तराखंड में गुरुवार को कोरोना से एक मरीज की मौत हुई है। सप्ताहभर में कोरोना से होने वाली यह दूसरी मौत है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक, कोरोना संक्रमित मरीज की मौत दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में हुई है।
वहीं कोरोना के पांच नए मामले मिले हैं। ये सभी मामले देहरादून जनपद में मिले हैं। कोरोना के पांच मरीज स्वस्थ्य भी हुए हैं। राज्य में फिलवक्त कोरोना के 63 सक्रिय मामले हैं। यहां पर वायरस की संक्रमण दर 0.62 और मरीजों का रिकवरी रेट 96 प्रतिशत है। अच्छी बात यह कि प्रदेश में फिलहाल कोराना के नए वैरिएंट का कोई मामला नहीं मिला है।
कोविशील्ड है नहीं, कैसे लगे सतर्कता खुराक:
कोरोना की आशंका के चलते लोग अब फिर सतर्कता खुराक लगवाने आ रहे हैं, लेकिन जिले में वैक्सीन का टोटा है। कोविशील्ड की एक भी खुराक यहां नहीं है। जिससे लोग टीकाकरण केंद्रों से वापस लौट रहे हैं।
पिछले दिनों अरुणाचल प्रदेश से जिले को 840 डोज मिलीं, लेकिन वह दो दिन में ही खत्म हो गईं। अब सबसे ज्यादा भीड़ गांधी अस्पताल और नगर निगम केंद्र पर है। यहां पर रोजाना लोग को वापस भेजा जा रहा है।
बता दें, जिले में 12 लाख 81 लोग को सतर्कता खुराक लगाने का लक्ष्य है, लेकिन अभी तक चार लाख 25 हजार को ही वैक्सीन लग सकी है। जिले में 8.5 लाख को अभी टीके लगाए जाने हैं। एडीआइओ यज्ञदेव थपलियाल ने बताया कि डिमांड भेजी गई है, उम्मीद है कि जल्द वैक्सीन मिल जाएगी।
एम्स में निर्मित होगा 150 आइसीयू बेड का अस्पताल:
गंभीर रोगों से ग्रसित मरीजों के बेहतर इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश में 150 बेड क्षमता वाले आइसीयू (इंटेंसिव केयर यूनिट) अस्पताल भवन के निर्माण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इस मिनी इंटेंसिव केयर यूनिट अस्पताल भवन का निर्माण कार्य केंद्रीय लोक निर्माण विभाग करेगा। इस योजना को लेकर एम्स तथा केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डा.) मीनू सिंह ने बताया कि एम्स ऋषिकेश में वर्तमान में 960 बेड का अस्पताल संचालित हो रहा है जिनमें से 200 आइसीयू बेड हैं। यहां प्रतिदिन 2500 से 3000 मरीज ओपीडी में विभिन्न विभागों के चिकित्सकों से चिकित्सकीय परामर्श लेने आते हैं। राज्य में सबसे बड़ा स्वास्थ्य संस्थान होने के नाते यहां इलाज के लिए भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है।
खासकर गंभीर मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एम्स की ट्रामा बिल्डिंग के निकट एक मिनी इंटेंसिव केयर यूनिट अस्तपाल भवन का निर्माण होने जा रहा है। मिनी अस्पताल की इस बिल्डिंग में 150 बेड स्थापित होंगे। एम्स ऋषिकेश और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के मध्य एमओयू गठित कर दोनों पक्षों की ओर से करार पर हस्ताक्षर किए गए। अस्पताल निर्माण की यह योजना ’प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन’ के तहत स्वीकृत की गई है।
योजना के तहत निर्मित होने वाली अस्पताल की बिल्डिंग भूतल सहित सात मंजिल की होगी। कार्यकारी निदेशक ने बताया कि यह मिनी इंटेंसिव केयर यूनिट अस्तपाल में इमरजेंसी बेड सहित डे केयर बेड, डायलिसिस, आइसोलेशन रूम, एचडीयू, आइसीयू, एनआइसीयू, पीआइसीयू और आपरेशन थियेटरों की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
उन्होंने बताया कि शीघ्र ही छोटे बच्चों के इलाज के लिए 42 बेड का एक अन्य आइसीयू भी बनकर तैयार हो जाएगा। इस अवसर पर डीन एकेडेमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, संस्थान के उप निदेशक (प्रशासन) ले. कर्नल एआर मुखर्जी, विधि अधिकारी प्रदीप चंद्र पांडेय, सीपीडब्लूडी के ऋषिकेश डिवीजन के अधीक्षण अभियंता चंद्रपाल, एम्स के प्रभारी अधीक्षण अभियंता विपुल कुमार मिश्रा आदि मौजूद रहे।
Explore the ranked best online casinos of 2025. Compare bonuses, game selections, and trustworthiness of top platforms for secure and rewarding gameplaycasino slot machine.